लोक डाउन के बीच जिले के एक वेटलैंड पर पक्षी दर्शन के दौरान कुछ फ्लेमिंगो व भारतीय सारस पक्षियों की फोटोग्राफी के बीच यह भेड़िया एक कटी हुई टांग से लंगड़ाता हुआ पानी पीने आया। वन विभाग ने आवारा कुत्ता समझकर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। बाद में गौर से देखा तो भेड़िया महाशय निकले! खैर बून्दी जिले में वन्यजीव गणना के दरम्यान काफी वर्षों से यह वन्यजीव लुप्त हो गया था और अब इसका लोक डाउन में दिखना शुभ संकेत है। दुःखद पहलू यह भी है कि इसका पिछे का दायां पंजा कटा हुआ है! वैसे यह स्वस्थ लग रहा था। जिले के जंगल में दूसरी बार भेड़िया देखा है। इससे पहले भीमलत में भी दिखा था। बून्दी के जंगलों व रामगढ़ अभयारण्य में कभी यह काफी संख्या में थे लेकिन लुप्तप्राय हो गए हैं। आज जो हम नीलगायों की बढ़ती तादात से परेशान हुए हैं उसके पीछे भेड़ियों का ख़त्म होना भी बड़ा कारण रहा है।
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