मनरेगा इस मानसून में पानी की किल्लत वाली मरुधरा के लिए वरदान साबित हो सकती है। इसके तहत राजस्थान के गांव में 20 हजार से अधिक आदर्श तालाब विकसित करने की योजना सरकार ने बनाई है। इनमें से 10 हजार कार्यों के लिए मंजूरी भी जारी हो गई है। राज्य की ‘एक गांव चार काम’ योजना के तहत ऐसा होगा।
केंद्र सरकार ने भी मनरेगा में इस मानसून, विशेष तौर पर जल संरक्षण कार्यो पर जोर देने के निर्देश राज्य को दिए हैं। राज्य की योजना के शेष तीन कार्यों में हर राजस्व गांव में कामों में खेल मैदान, चरागाह विकास और श्मशान व कब्रिस्तानों का विकास शामिल है। प्रदेश में करीब 40 हजार राजस्व गांव है। इनमें से 10 हजार के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है।
जीर्णोद्धार व अन्य कार्य होंगे
केंद्र की एडवाइजरी में जल संरक्षण के लिए कराए जाने वाले कार्यों को बताया है। इसमें जल स्रोतों की मरम्मत और वृद्धि, वर्षा जल संचयन, ढांचों का निर्माण और प्राचीन जल स्रोतों का पुनरुद्धार जैसे काम शामिल हैं।
जल स्रोतों को संजीवनी
सरकार ने यदि इस योजना को वास्तविक मायनों में अमलीजामा पहनाने के प्रयास किए तो प्रदेश में वर्षों से मृत पड़े पारंपरिक जल स्रोतों को फिर से जीवित किया जा सकता है। केंद्र ने भी इस पर विशेष जोर दिया है तो धनराशि की कमी भी नहीं आएगी। जयपुर की रामगढ़ बांध जैसे कई पुराने जल स्रोत आज पानी की बूंद को तरस रहे हैं। सरकारी विभागों के तालमेल से अतिक्रमण हटाने और मरम्मत जैसे अनुमति कार्यों के लिए पहल की जाए तो यह कोरोना काल की एक बड़ी उपलब्धि होगी
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