नई दिल्ली
कृषि ही अकेला ऐसा क्षेत्र है जिसमें फिलहाल के दिनों में आर्थिक वृद्धि नजर आई थी। इसीलिए सरकार फिलहाल आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत किसानों पर ज्यादा फोकस करती नजर आई। ऐसा नहीं है कि कोरोना की वजह से सरकार का रवैया बदला बल्कि कोरोना से पहले से ही सरकार किसानों के हित के लिए काम करती नजर आ रही थी । किसानों की अतिरिक्त आय के लिए सरकार एक ऐसी ही योजना को चला रही है जिसके तहत फरवरी बजट भाषण में लगभग 20 लाख किसानों को सोलर पंप देने की बात कही गई थी।हम बात कर रहे हैं की, जिसका पूरा नाम है किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाअभियान यानी कुसुम योजना। इस योजना का उद्देश्य बेकार पड़ी जमीन को इस्तेमाल में लाकर किसानों की कमाई को बढ़ाना है। इस योजना के तहत किसान को बंजर जमीन पर सोलर पंप लगाने के साथ एक्स्ट्रा पॉवर को सप्लाई करने में भी किसानों की मदद की जाएगी । सबसे बड़ी बात ये है कि ये सोलर पंप 90 फीसदी सब्सिडी पर मिलेगा । आपको अभी तक इस योजना के बारे में नहीं पता तो चलिए आज हम आपको इस योजना के बारे में बताते हैं साथ ही आप कैसे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं । उसके बारे में भी बताएंगे । दरअसल हमारे देश में कृषि ज्यादातर राज्यों में मानसून पर आधारित है। इसी वजह से कई बार किसानों के खेती के आवश्यकता अनुरूप पानी नहीं मिलता और परिणाम ये होता है कि भरपूर मेहनत के बावजूद किसानों को फसल वैसी नहीं मिलती या कई बार फसल खराब होने के कारण नुकसान भी उठाना पड़ता है । इसीलिए कुसुम योजना के तहत सरकार किसानों को सोलर पंप देगी ताकि बंजर जमीन पर इन्हें लगाकर सिंचाई की जा सके और साथ ही बिजली उत्पादन से गांवो में बिजली भी पहुंच सकेगी।किसान अपनी जरूरत के हिसाब से सोलर पंप ले सकते हैं । वैसे सरकार का लक्ष्य 20 लाख किसानों को सोलर पंप देने का है । इस योजना के तहत 10,000 मेगावाट के सोलर एनर्जी प्लांट किसानों की बंजर भूमि पर लगाये जाने हैं और सोलर पंप लगाने के लिए किसानों को केवल 10% राशि का भुगतान करना होगा। 30% रकम बैंक किसान को लोन के रूप में देंगे जबकि कुल लागत का 60% रकम सरकार किसानों को सब्सिडी के रूप में देगी।
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