हजारों की संख्या में मृत मिली मछलियां
मत्स्य विभाग और वन विभाग के अधिकारी रहे बेखबरज
हरीले पदार्थ या पॉल्युशन बताया जा रहा मौत का कारण
कोटा
नयापुरा क्षेत्र में छोटी पुलिया के नजदीक मंगलवार को हजारों की संख्या में मछलियां मृत मिली। बड़ी संख्या में मृत मछलियों को देखकर लोग चोंक गए। लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने जिम्मेदारी नही ली। अधिकारी एक दूसरे विभाग का मामला बताते रहे। इतनी बड़ी संख्या में मछलियां मरने के बाद भी किसी विभाग ने अपने कार्मिकों को मौके पर नही भेजा। जबकि, मामला स्वायत शासन मंत्री धारीवाल तक जा पहुंचा। उनके कार्यालय से मुकुन्दरा टाइगर रिज़र्व विभाग के अधिकारियों को फोन भी किया, लेकिन उन्होंने भी अपनी टेरिटरी से बाहर का मामला बताया। गौर करने वाली बात तो यह रही कि मत्स्य विभाग द्वारा इस पूरे क्षेत्र की मॉनिटरिंग की जाती है, लेकिन विभाग को देर रात तक सूचना नही मिली। रात को सूचना मिलने के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया।
पॉइजनिंग का संदेह
इतनी बड़ी तादाद में मछलियां मरने का कारण लोग पॉइजनिंग बता रहे है। लोगों का कहना है कि यह पूरा क्षेत्र डाउन स्ट्रीम में आता है। यहां पर बड़ी संख्या में मछुआरे अवैध तरीके से आखेट करते है। जबकि, इस समय आखेट पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध है। वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट कृष्णेन्द्र सिंह नामा और जल बिरादरी के प्रदेश उपाध्यक्ष बृजेश विजयवर्गीय मौत का कारण पॉल्युशन बता रहे है। उनका कहना है कि पिछले साल भी बड़ी संख्या में मछलियां मर गई थी। तब भी मौत का कारण पॉल्युशन रहा था। यहां मगरमच्छ की भी मौत होती रहती है।
मत्स्य विभाग के पास है एरिया
चम्बल का पूरा क्षेत्र कई विभागों के अधीन है। कोटा बैराज से ऊपर का एरिया मुकुन्दरा टाइगर रिज़र्व विभाग के पास है। बैराज से केशवराय पाटन तक का एरिया मत्स्य विभाग में आता है। जबकि, केशवराय पाटन से मध्यप्रदेश तक चम्बल घड़ियाल में आता है। बार बार इस पूरे क्षेत्र को लेकर असमंजस की स्थिति बनती है।
इनका कहना है।
मुझे इसकी जानकारी नही है। सुबह मामले को दिखवाकर जांच करवाएंगे।
अमृता, उपनिदेशक, मत्स्य विभाग कोटा
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