किराड़ नवमी पर कुलदेवी को पूजा, घरों में हुई आराधना
देश और समाज में सुख समृद्धि की कामना की
कोटा.
आषाढ शुक्ल नवमी पर किराड़ समाज की ओर से घरों में कुलदेवी को पूजन किया गया। श्री कल्याणराय जी किराड़ क्षत्रिय विकास समिति नगर इकाई कोटा के अध्यक्ष आशीष मेहता ने बताया कि देशभर में आषाढ शुक्ल नवमी को ‘किराड़ नवमी’ के रूप में मनाया जाता है। कोरोना संकट के चलते लोगों ने घरों में ही रहकर मिष्ठान्न तैयार किए और कुलदेवी को भोग लगाया गया। वहीं, हाड़ौती के किराड़ों के आराध्य देव श्री कल्याणराय भगवान की विशेष पूजा अर्चना कर देश और समाज में खुशहाली की कामना की गई। उन्होंने बताया कि समाज के अधिकांश लोग खेती से जुड़े हैं। आषाढ शुक्ल नवमी से खेती का नववर्ष प्रारंभ होता है। जब घरों में नई फसल के लिए तैयारी शुरू की जाती है। उसके साथ ही घरों में धन धान्य और सुख समृद्धि की मंगलकामनाएं की जाती हैं। उन्होंने बताया कि किराड़ नवमी को अबूझ सावा माना जाता है। जो देवशयनी एकादशी से पूर्व अंतिम सावा होता है। इसके दो दिन बाद ही देव शयन और चातुर्मास लगने के कारण मांगलिक कार्याें पर विराम लग जाता है। इस दिन गुप्त नवरात्र के समाप्त होने से कुलदेवी की आराधना की जाती है। वहीं, भगवान विष्णु का विशेष पूजन करने से मनोकामना पूर्ण होती है। किराड़ समाज के द्वारा भगवान विष्णु का श्री कल्याणराय के रूप में पूजन किया जाता है।
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