एमटी-4 बाघिन की भी पूर्व में जन्म दे चुकी थी शावक
मुकुन्दरा में लगे कैमरा ट्रैप फ़ोटो में शावकों के साथ दिखी बाघिन
अधिकारियों ने दबाया मामला, मामला खुलने पर मचा हड़कंप
कोटा.
मुकुन्दरा टाइगर रिज़र्व में बाघ और बाघिन की मौत के बाद मंगलवार को एक और नया खुलासा हुआ है। टाइगर रिज़र्व में हार्ड एनक्लोजर के बाहर विचरण कर रही एमटी-4 भी पूर्व में शावक जन्म दे चुकी थी, लेकिन अधिकारियों ने ये मामला दबा लिया। टाइगर रिज़र्व में लगे कैमरा ट्रैप में बाघिन शावक के देखी गई। फ़ोटो 22 मई का है। इसमें बाघिन नन्हे शावक को मुंह में दबाकर घूम रही है। इस फोटो को ट्रैप हुए करीब 3 माह से भी अधिक का समय हो गया, लेकिन अधिकारियों ने सारा मामला दबाएं रखा। ऐसे में अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। अब मामला खुलने पर हड़कंप मच गया है। अधिकारी मामले को एक दूसरे पर टालते रहे। यहां तक कुछ अधिकारियों ने तो फोन भी बंद कर लिए। बताया जा रहा है कि मुकुन्दरा में लगे अधिकारियों ने सीसीएफ आनन्द मोहन को भी इस बारे में जानकारी नही दी। इसमें डीएफओ और नीचे के वनकर्मियों भी मिलीभगत सामने आ रही है। क्योंकि, कैमरा ट्रैप में बाघिन 22 मई को शावकों के साथ नजर आ गई थी। इसके बाद भी उच्च अधिकारियों को जानकारी देना मुनासिब नही समझा। आशंका है कि बाघिन के शावकों के साथ भी अनहोनी घटित नही हो गई हो। क्योंकि, शावक तीन माह से नजर नही आ रहे है। ऐसे में कुछ भी कहना असम्भव है।
अनहोनी की आशंका
टाइगर रिज़र्व के अधिकारियों ने मामला महीनों से दबाएं रखा। ऐसे में कुछ अनहोनी की ओर संकेत जा रहे है। क्योंकि, एमटी-2 बाघिन द्वारा शावक जन्म देने के तुरंत बाद अधिकारियों ने पुष्टि कर दी। सीएम अशोक गहलोत के पास तक सूचना पहुंचा दी गई थी, लेकिन एमटी-4 बाघिन द्वारा शावक देने कर बाद ऐसा नही किया गया। कुछ लोगों का तो इतना आरोप है कि मुकुन्दरा को खत्म करने के लिए ऐसी साजिश हो रही है। क्योंकि, मुकुन्दरा विकसित होने के बाद रणथंभौर टाइगर रिज़र्व का महत्व कम हो जाता। रणथंभौर को अच्छा दिखाने के लिए प्री प्लान है।
अधिकारियों ने कभी नही की पुष्टि
बाघिन एमटी-4 द्वारा शावक जन्म देने की अटकलें फरवरी माह के बाद शुरू हो गई थी, लेकिन अधिकारियों ने कभी पुष्टि नही की। यहां तक मशालपुरा गांव के ग्रामीणों ने भी बाघिन शावकों के साथ देखा था, लेकिन अधिकारियों ने इसे भी कोरी अफवाह करार दिया। अधिकारियों ने इस मामले को कभी गंभीर नही लिया। इसका नतीजा सभी के सामने है।
नवज्योति बार बार करता मामला उजागर
दैनिक नवज्योति को भी बाघिन द्वारा शावक दिए जाने की खबर मिल गई थी। इसको लेकर नवज्योति बार बार खबरे प्रकाशित कर रहा था, लेकिन अधिकारी मानने को तैयार नही थे। ऐसे में अधिकारियों की गंभीर लापरवाही नजर आ रही है।
इनका कहना है
बाघिन एमटी-4 ने पूर्व में शावकों को जन्म दे दिया था, लेकिन अधिकारियों ने मामले को दबाए रखा। अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
तपेश्वर सिंह भाटी, अध्यक्ष, मुकुन्दरा वन्य जीव समिति
लोगों ने फरवरी में शावक देने की अफवाह फैला दी थी। अभी कुछ कह नही सकता। फ़ोटो देख कर स्पष्ट होगा।
अरविंदम तोमर, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक
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